We are committed to see that our college emerges as the best college on the educational map of India. In order to achieve our goal we are working hard to see that the problems of the students are must not go unredressed.
We have tried our level best to lay down solid foundation to help the students overcome the challenges. A conducive atmosphere has been created inside the campus and the students are groomed in such a way that they romp home with flying colors bringing laurels to the institution and society as well. Their effort will pay dividend and will definitely leave no stone unturned to contribute their energy for the betterment of society. Personality development & career building are the two main objectives which we have strived for and are all set to give our dream a concrete shape.श्री अरविन्द महिला महाविद्यालय का अपने स्थापना काल से ही विश्वविद्यालय में गौरवपूर्ण स्थान रहा है। यहाँ छात्राओं को न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है, बल्कि उनमें संस्कार, अनुशासन और चरित्र- निर्माण विकसित करने के साथ-साथ जीवन की सफलता और समाज एवं देश सेवा की भावना के लिए भी प्रेरित किया जाता है। इस महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने अब तक देश की कई बड़ी-बड़ी संस्थाओं में महत्वपूर्ण ओहदों को भी सुशोभित किया है। यही कारण है कि इस क्षेत्र के छात्राओं के अध्ययन के लिए श्री अरविन्द महिला महाविद्यालय पहली पसंद है। इस महाविद्यालय में छात्राओं के गुणवत्तापूर्ण अध्ययन के लिए लैंग्वेज लैब और स्वयं लैब के साथ स्मार्ट क्लास की भी सुविधा प्रदान की गई है। ताकि यहाँ के छात्राएं आधुनिक विचार, तकनीकी ज्ञान एवं प्रतिस्पर्धा की दिशा में हमेशा आगे रहें। मेरा स्पष्ट मानना है कि बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक करने में महाविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। इसलिए समय-समय पर महाविद्यालय के स्तर पर भी खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन होता रहता है। शिक्षा अगर प्रगति का द्वार खोलता है तो निर्मल-स्वस्थ काया जीवन को आनंदित भी करता है। अंत में मैं सभी विद्यार्थियों से यह कहना चाहूँगा किै। इसलिए समय-समय पर महाविद्यालय के स्तर पर भी खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन होता रहता है। शिक्षा अगर प्रगति का द्वार खोलता है तो निर्मल-स्वस्थ काया जीवन को आनंदित भी करता है। अंत में मैं सभी विद्यार्थियों से यह कहना चाहूँगा कि
मिला दे ख़ाक में खुद को, अगर कुछ मर्तबा चाहे
कि दाना ख़ाक में मिलकर, गुल-ए-गुलज़ार होता है।
हर माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति जागरुक एवं समर्पित हों। ऐसा कर वे अपने परिवार के साथ-साथ समाज और देश की ही सेवा करेंगे। जिस तरह बूंद-बूंद से तालाब भरता है, उसी तरह देश के हरेक व्यक्ति के शिक्षित होने से पूरा भारत वर्ष भी शिक्षित होगा और उन्नति के पथ पर अग्रसरित होते हुए विकसित राष्ट्र की श्रेणी में शामिल हो अपना परचम लहराने में सक्षम हो पाएगा। लेकिन ऐसा तभी संभव है जब हर माता-पिता अपने बेटों के साथ-साथ बेटियों को भी उसी जागरूकता और समर्पण के साथ शिक्षा के हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए तत्पर होंगे। अगर बेटियाँ भी पढ़ कर उच्च शिक्षा ग्रहण करेंगी तो हमारे समाज की आने वाली पीढियां भी निश्चित रूप से शिक्षित और समृद्ध होंगी। देखा जाए तो बेटियाँ भी बेटों से किसी मामले में कम नहीं रहीं हैं। अवसर मिलने पर बेटियों ने भी एक तरफ जहाँ एवरेस्ट की ऊंची चोटियों को लाँघ अपना विजयी पताका फहराया है तो वहीं दूसरी तरफ अंतरिक्ष की गहराइयों को भेद अपनी दक्षता का लोहा मनवाया है। इसलिए हम सबके लिए, बेटों के साथ बेटियों को भी उच्च शिक्षा में बराबरी का अवसर प्रदान करने का, यही उचित समय है। आइए हम आज एक साथ यह संकल्प लें कि हम अपने परिवार के हर सदस्य को उच्च शिक्षा के रास्ते पर अग्रसरित करेंगे और देश को उन्नति के शिखर पर ले चलेंगे। श्री अरविन्द महिला महाविद्यालय परिवार को पूरा विश्वास है कि आप सभी के सहयोग से हम इसमें सफल होंगे।
श्री अरविन्द महिला महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी हमेशा अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहते हैं और छात्राओं के शिक्षण-कार्य के साथ-साथ कार्यालयी समस्याओं का भी त्वरित समाधान सुचारू रूप से करते रहते हैं। उन्हें हमेशा इस बात का एहसास रहता है कि महाविद्यालय की स्थापना और उनकी नियुक्ति छात्राओं के हित के लिए हुई है। ऐसे में, 'छात्राएं नहीं तो हम नहीं' के सिद्धांत पर महाविद्यालय के सभी कर्मियों का कार्य करना हृदय को< छूता है। महाविद्यालय परिवार का यही संकल्प महाविद्यालय की गरिमा में भी चार चाँद लगाता है। धन्यवाद !